🔱 भगवान शिव जी पंचाक्षर स्तोत्र
🕉 नमः शिवाय स्तोत्र – शिव पंचाक्षर स्तुति
“ॐ नमः शिवाय” – यह पंचाक्षर (पांच अक्षरों) वाला मंत्र भगवान शिव का सबसे पवित्र और प्रभावशाली बीज मंत्र है। आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा रचित “शिव पंचाक्षर स्तोत्र” में भगवान शिव के दिव्य स्वरूप की स्तुति पंचाक्षर मंत्र के साथ की गई है।
हर श्लोक “न” “म” “शि” “वा” “य” — इन पांच अक्षरों पर आधारित है।
🔱 भगवान शिव पंचाक्षर स्तोत्र | Shiv Ji Panchakshar Stotra in Hindi
🕉 “ॐ नमः शिवाय” – पाँच अक्षरों में बसी भगवान शिव की कृपा।
✨ पंचाक्षर स्तोत्र का महत्व:
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र पंच तत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश – का प्रतिनिधित्व करता है। आदि शंकराचार्य द्वारा रचित शिव पंचाक्षर स्तोत्र भगवान शिव के पंचस्वरूपों की स्तुति करता है, जिससे जीवन में शांति, ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
🔹 पंचाक्षर स्तोत्र के लाभ
✅ मन और शरीर की शुद्धि:
यह मंत्र पाँच तत्वों को शुद्ध करता है और आंतरिक ऊर्जा को संतुलित करता है।
✅ मानसिक शांति:
तनाव को दूर कर ध्यान में एकाग्रता बढ़ाता है।
✅ नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा:
यह एक शक्तिशाली सुरक्षा कवच बनाता है जो नकारात्मकता को दूर करता है।
✅ दिव्य आशीर्वाद:
शिव जी संकटों को हरने वाले देव हैं। यह पाठ उनकी कृपा को आकर्षित करता है।
✅ आध्यात्मिक जागृति:
भक्ति को गहराता है और आत्मज्ञान की ओर मार्ग प्रशस्त करता है।
✅ ऊर्जा चक्रों का संतुलन:
पाँचों अक्षर शरीर के पाँच चक्रों को सक्रिय करते हैं।
✅ मोक्ष प्राप्ति:
यह स्तोत्र कर्मों के बंधन से मुक्ति देकर मोक्ष की ओर ले जाता है।
🕉 शिव पंचाक्षर स्तोत्र – श्लोक एवं अर्थ
1️⃣ “न” – पृथ्वी तत्व
श्लोक:नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै “न” काराय नमः शिवाय।।
अर्थ:
हे त्रिनेत्रधारी महेश्वर! आप नागों को आभूषण रूप में धारण करते हैं, भस्म से अलंकृत हैं, नित्य शुद्ध और दिगंबर स्वरूप हैं। आपको नमस्कार है।
2️⃣ “म” – जल तत्व
श्लोक:मन्दाकिनी सलिल चन्दन चर्चिताय, नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मन्दार पुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै “म” काराय नमः शिवाय।।
अर्थ:
हे गंगाधर! मंदाकिनी जल और चन्दन से सुशोभित, प्रमथगणों के स्वामी, पुष्पों द्वारा पूजित महेश्वर को नमस्कार।
3️⃣ “शि” – अग्नि तत्व
श्लोक:शिवाय गौरीवदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै “शि” काराय नमः शिवाय।।
अर्थ:
गौरी के पति, दक्ष यज्ञ का नाश करने वाले, नीलकंठ शिव, वृषभध्वजधारी प्रभु को प्रणाम।
4️⃣ “व” – वायु तत्व
श्लोक:वशिष्ठकुम्भोद्भव गौतमाय मुनीन्द्र देवार्चित शेखराय।
चन्द्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै “व” काराय नमः शिवाय।।
अर्थ:
वशिष्ठ, अगस्त्य और गौतम जैसे ऋषियों द्वारा पूजित, सूर्य-चन्द्र-अग्नि के नेत्रों वाले शिव को प्रणाम।
5️⃣ “य” – आकाश तत्व
श्लोक:यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै “य” काराय नमः शिवाय।।
अर्थ:
यज्ञस्वरूप, जटाधारी, पिनाकधारी, सनातन, दिव्य और दिगंबर देव को नमस्कार।
🌼 शिव पंचाक्षर स्तोत्र (Sanskrit with Hindi meaning)
📜 फलश्रुति (श्लोक का फल):
पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते।।
1. नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
नमः शिवाय॥
🔸 जो भगवान शिव नागों की माला पहनते हैं, त्रिनेत्रधारी हैं, जिनके शरीर पर भस्म लगी है, जो नित्य, शुद्ध और दिगंबर स्वरूप हैं — ऐसे शिव को नमस्कार है।
2. मन्दाकिनी सलिल चन्दन चर्चिताय
नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।
मन्दार पुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय
नमः शिवाय॥
🔸 जो मंदाकिनी जल एवं चंदन से पूजे जाते हैं, नंदी के स्वामी हैं, प्रेतगणों के अधिपति हैं, मंदार पुष्पों से जिनकी पूजा होती है — उन महेश्वर को नमस्कार है।
**3. शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय
नमः शिवाय॥
🔸 गौरी के कमलवत मुख के प्रिय, दक्ष के यज्ञ का विनाश करने वाले, नीलकंठ और वृषभ ध्वजधारी शिव को नमस्कार है।
**4. वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य
मुनिकृत स्तुत्याय शिवाय ॥
वेदान्तसाराय निधये शिवाय
नमः शिवाय॥
🔸 वसिष्ठ, अग्नि, गौतम आदि मुनियों द्वारा स्तुति किए गए, वेदांत के सार स्वरूप, ज्ञान के भंडार शिव को नमस्कार है।
**5. यक्षस्वरूपाय जटाधराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
नमः शिवाय॥
🔸 जो यक्ष रूपधारी हैं, जटाजूट धारण किए हुए हैं, पिनाक धनुष वाले हैं, सनातन, दिव्य, देवों के देव और दिगंबर हैं — ऐसे शिव को बारंबार नमस्कार है।
📜 स्तुति का फल (फलश्रुति)
पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥
🔸 जो भक्त श्रद्धा से इस पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करता है, वह शिवलोक को प्राप्त करता है और भगवान शिव के साथ आनंदपूर्वक निवास करता है।
🌺 “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें और शिव कृपा पाएं।
हर हर महादेव!
🔔 श्रावण मास में शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ विशेष फलदायी होता है।
यह रहा एक सुंदर, सारगर्भित और भावनात्मक पोस्ट भगवान शिव जी के पंचाक्षर स्तोत्र पर, जिसमें इसका आध्यात्मिक महत्व, श्लोक, भावार्थ और लाभों को क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया गया है। आप इसे वेबसाइट, ब्लॉग, सोशल मीडिया पोस्ट, या श्रावण मास विशेष लेख के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
अर्थ:
जो भी इस पवित्र पंचाक्षर स्तोत्र का शिव के समीप पाठ करता है, वह शिवलोक को प्राप्त कर शिवजी के साथ सुखपूर्वक वास करता है।
🙏 नित्य पाठ से पाएं अनंत फल
यदि आप इस स्तोत्र का प्रतिदिन अथवा विशेषकर सोमवार को श्रद्धा से पाठ करते हैं, तो यह जीवन में सुख-शांति, आरोग्य, और भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्रदान करता है।
हर हर महादेव!
ॐ नमः शिवाय 🔱