महा मृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra)

महामृत्युंजय मंत्र और उससे जुड़े शिव साधनावेदों में उल्लेखजाप विधिअनुष्ठान, और त्र्यंबकेश्वर के पंडितों के बारे में अत्यंत गहराई से बताती है। यह एक समर्पित साधक या श्रद्धालु के लिए संपूर्ण मार्गदर्शिका के रूप में काम कर सकती है।

महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra) को रुद्र मंत्रत्र्यंबकम मंत्र या मृत्युंजय मंत्र भी कहा जाता है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसे ऋषि वशिष्ठ अथवा महर्षि मार्कंडेय द्वारा रचा गया माना जाता है। यह मंत्र मृत्यु, भय, रोग, अकाल मृत्यु और मानसिक कष्टों से मुक्ति पाने हेतु अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।


🔱 महामृत्युंजय मंत्र (ॐ त्र्यंबकं यजामहे…)

📜 वेदों में उल्लेख:

  • ऋग्वेद (7.59.12) में मूल मंत्र का उल्लेख
  • यजुर्वेद (Taittiriya Samhita 1.8.6) में भी इसका विस्तृत प्रयोग
  • इसे रूद्र मंत्रत्र्यंबकम मंत्र, या संजीवनी मंत्र भी कहा जाता है।

🔱 महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra)

ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥


🌿 हिंदी अर्थ (शब्दशः):

  •  – ब्रह्म, परमात्मा, सृष्टिकर्ता का प्रतीक
  • त्र्यंबकं – तीन नेत्रों वाले (भगवान शिव)
  • यजामहे – हम पूजा करते हैं, साधना करते हैं
  • सुगंधिं – जो सुगंध देते हैं, शुभ गुणों वाले
  • पुष्टिवर्धनम् – जो पोषण करते हैं, आरोग्य व शक्ति देते हैं
  • उर्वारुकमिव – जैसे खरबूजा बेल से अलग हो जाता है
  • बन्धनात् – बंधन से
  • मृत्योः – मृत्यु से
  • मुक्षीय – मुक्ति दिलाना
  • मा अमृतात् – अमरत्व से हमें वंचित न करो

💬 सरल हिंदी में अर्थ:

“हम उस तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की उपासना करते हैं, जो संपूर्ण जगत को जीवन देने वाले, सुगंधित और पोषण करने वाले हैं। जैसे एक पककर तैयार खरबूजा बेल से स्वतः अलग हो जाता है, वैसे ही हमें मृत्यु के बंधन से मुक्त करें, परंतु अमरत्व (मोक्ष) से वंचित न करें।”


🕉️ महामृत्युंजय मंत्र का महत्व:

  1. अकाल मृत्यु से रक्षा करता है
  2. रोग और मानसिक पीड़ा में राहत देता है
  3. शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करता है
  4. ध्यान और साधना में शक्ति प्रदान करता है
  5. भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा देता है

📿 जाप विधि:

  • रुद्राक्ष माला से करें (108 बार प्रतिदिन)
  • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) में जाप श्रेष्ठ
  • सोमवार या श्रावण मास में विशेष फलदायी
  • जाप के बाद रुद्राभिषेकहवनतर्पणमार्जनब्राह्मण भोजन

📌 जाप संख्या:

  • प्रतिदिन: कम से कम 108 बार
  • पूर्ण अनुष्ठान: सवा लाख (125,000) जाप
  • 10 माला प्रतिदिन करने से 125 दिनों में पूर्ण
  • इसके बाद हवन और तर्पण किए जाते हैं।

📌 मंत्र से जुड़ी मान्यता:

महर्षि मार्कंडेय की कथा के अनुसार, उन्होंने इस मंत्र का जप कर यमराज को पराजित किया और भगवान शिव ने उन्हें अमरत्व प्रदान किया।

🛕 त्र्यंबकेश्वर मंदिर (नासिक, महाराष्ट्र):

  • भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक
  • यहाँ ताम्रपत्र धारक प्रमाणित पंडितों द्वारा महामृत्युंजय जाप एवं रुद्राभिषेक किए जाते हैं
  • पूजन के लिए अनुभवी पंडितों की जानकारी (जैसे शंकर जोशी, सचिन धेरगे आदि) और बुकिंग सुविधा

🔍 मंत्र के लाभ संक्षेप में:

  • रोग, शोक, भय और मृत्यु से रक्षा
  • आत्मिक शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति
  • कुंडली दोष और कालसर्प योग से मुक्ति
  • आध्यात्मिक और मानसिक बल की वृद्धि
  • बुरी शक्तियों का नाश और सकारात्मक ऊर्जा का संचार