Shiv Ji 108 Names | शिव जी के 108 नाम

🌺 भगवान शिव के 108 नाम 🌺

ॐ नमः शिवाय

भगवान शिव को महादेव, भोलेनाथ, रुद्र, नीलकंठ आदि कई नामों से जाना जाता है। हर नाम में उनकी शक्ति, स्वरूप और करुणा की झलक मिलती है। आइए जानें उनके 108 दिव्य नाम ।

हर हर महादेव!
ॐ नमः शिवाय

भगवान शिव को उनके विविध स्वरूपों, शक्तियों और लीलाओं के आधार पर अनेक नामों से पुकारा जाता है। प्रत्येक नाम उनके एक विशेष गुण या कार्य का प्रतिनिधित्व करता है। इन 108 नामों का स्मरण करने से शिव कृपा सहज रूप से प्राप्त होती है।

👇 यह रहे शिव जी के 108 दिव्य नाम उनके भावार्थ सहित:

  1. शिव – कल्याण स्वरूप
  2. महेश्वर – माया के अधीश्वर
  3. शम्भू – आनंद स्वरूप वाले
  4. पिनाकी – पिनाक धनुष धारण करने वाले
  5. शशिशेखर – सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
  6. वामदेव – अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
  7. विरूपाक्ष – ‍तीन नेत्रों वाले
  8. कपर्दी – जटाजूट धारण करने वाले
  9. नीललोहित – नीले और लाल रंग वाले
  10. शंकर – सबका कल्याण करने वाले
  11. शूलपाणी – हाथ में त्रिशूल वाले
  12. खटवांगी – खटिया का पाया रखने वाले
  13. विष्णुवल्लभ – विष्णु के प्रिय
  14. शिपिविष्ट – अग्निरूप से व्याप्त
  15. अंबिकानाथ – भगवती के पति
  16. श्रीकण्ठ – सुंदर गले वाले
  17. भक्तवत्सल – भक्तों पर स्नेह रखने वाले
  18. भव – संसार का रूप
  19. शर्व – कष्टों का नाश करने वाले
  20. त्रिलोकेश – तीनों लोकों के स्वामी
  21. शितिकण्ठ – सफेद कण्ठ वाले
  22. शिवाप्रिय – पार्वती के प्रिय
  23. उग्र – उग्र रूपधारी
  24. कपाली – कपाल धारण करने वाले
  25. कामारी – कामदेव के शत्रु
  26. सुरसूदन – अंधकासुर का वध करने वाले
  27. गंगाधर – गंगा को सिर पर धारण करने वाले
  28. ललाटाक्ष – ललाट पर नेत्र वाले
  29. महाकाल – कालों के भी काल
  30. कृपानिधि – दया की खान
  31. भीम – भयंकर रूप वाले
  32. परशुहस्त – फरसा धारण करने वाले
  33. मृगपाणी – हाथ में मृग रखने वाले
  34. जटाधर – जटाओं वाले
  35. कैलाशवासी – कैलाश पर्वत पर रहने वाले
  36. कवची – कवच धारण करने वाले
  37. कठोर – दृढ़ शरीर वाले
  38. त्रिपुरांतक – त्रिपुरासुर का संहारक
  39. वृषांक – बैल के चिह्न वाले
  40. वृषभारूढ़ – नंदी पर आरूढ़
  41. भस्मोद्धूलितविग्रह – भस्म से अलंकृत
  42. सामप्रिय – सामवेद प्रिय
  43. स्वरमयी – स्वररूप
  44. त्रयीमूर्ति – वेदों के रूपधारी
  45. अनीश्वर – स्वयंसिद्ध
  46. सर्वज्ञ – सर्वज्ञाता
  47. परमात्मा – सर्वोच्च आत्मा
  48. सोमसूर्याग्निलोचन – चंद्र, सूर्य और अग्नि नेत्र
  49. हवि – यज्ञ द्रव्य
  50. यज्ञमय – यज्ञस्वरूप
  51. सोम – उमा के संग रूप
  52. पंचवक्त्र – पाँच मुख वाले
  53. सदाशिव – सदा शिव रूप
  54. विश्वेश्वर – विश्व के ईश्वर
  55. वीरभद्र – वीर शांत स्वरूप
  56. गणनाथ – गणों के स्वामी
  57. प्रजापति – सृष्टि के पालनकर्ता
  58. हिरण्यरेता – स्वर्ण तेज वाले
  59. दुर्धर्ष – अजेय
  60. गिरीश – पर्वतों के अधिपति
  61. गिरीश्वर – कैलाशपति
  62. अनघ – निष्पाप
  63. भुजंगभूषण – नाग आभूषण वाले
  64. भर्ग – पापभंजन
  65. गिरिधन्वा – पर्वत धनुषधारी
  66. गिरिप्रिय – पर्वत प्रिय
  67. कृत्तिवासा – गजचर्म वस्त्रधारी
  68. पुराराति – त्रिपुर विजेता
  69. भगवान् – ऐश्वर्य संपन्न
  70. प्रमथाधिप – प्रमथ गणों के अधिप
  71. मृत्युंजय – मृत्यु को हरने वाले
  72. सूक्ष्मतनु – सूक्ष्म शरीरधारी
  73. जगद्व्यापी – जगत में व्याप्त
  74. जगद्गुरु – गुरु स्वरूप
  75. व्योमकेश – आकाश केश
  76. महासेनजनक – कार्तिकेय के पिता
  77. चारुविक्रम – सुंदर पराक्रमी
  78. रुद्र – रुदन कराने वाले
  79. भूतपति – भूतों के स्वामी
  80. स्थाणु – स्थिर रूप
  81. अहिर्बुध्न्य – कुण्डलिनी धारक
  82. दिगम्बर – आकाश वस्त्रधारी
  83. अष्टमूर्ति – आठ रूपों वाले
  84. अनेकात्मा – अनेक रूपधारी
  85. सात्त्विक – सात्त्विक स्वभाव
  86. शुद्धविग्रह – शुद्ध शरीरधारी
  87. शाश्वत – सनातन
  88. खण्डपरशु – खण्डित फरसा धारी
  89. अज – जन्म रहित
  90. पाशविमोचन – बंधन मुक्तकर्ता
  91. मृड – सुखदायक
  92. पशुपति – प्राणियों के अधिप
  93. देव – प्रकाश स्वरूप
  94. महादेव – देवों के देव
  95. अव्यय – अविनाशी
  96. हरि – हरने वाले
  97. पूषदन्तभिद् – पूषा के दांत तोड़ने वाले
  98. अव्यग्र – अव्यथित
  99. दक्षाध्वरहर – दक्ष यज्ञ विनाशक
  100. हर – दुखों का हरण करने वाले
  101. भगनेत्रभिद् – भग की आंख फोड़ने वाले
  102. अव्यक्त – अदृश्य स्वरूप
  103. सहस्राक्ष – हजार नेत्रों वाले
  104. सहस्रपाद – हजार पैरों वाले
  105. अपवर्गप्रद – मोक्षदाता
  106. अनंत – असीम
  107. तारक – उद्धार करने वाले
  108. परमेश्वर – सर्वोच्च ईश्वर

📿 इन नामों का नित्य स्मरण करने से सभी पापों का क्षय होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🕉️ ॐ नमः शिवाय
हर हर महादेव!